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ब्यूरो चीफ बालाघाट // वीरेंद्र श्रीवास : 83196 08778
आदिवासी क्षेत्र बैहर बिरसा परसवाड़ा में होगी यह परंपरागत खेती
बालाघाट में आने वाले खरीफ सीजन में आदिवासी बैगा किसानों के यहां कोदो कुटकी की फसल देखने मिलने वाली है। जिसके लिए बालाघाट कृषि विभाग ने नई पहल की है । क्योंकि कोदो. कुटकी की फसल बालाघाट की पारंपरिक कोदो कुटकी की फसल कहलाती है जो जिले की पहचान भी है।
खासकर आदिवासी बैगा परिवार कोदो कुटकी की खेती करते हैं और उसी का भोजन व व्यंजन तैयार करते हैं । पौष्टिकता व सेहत की दृष्टि से उपयोगी अनाज होता है इसलिए कृषि विभाग ने इस बार कोदो कुटकीकी फसल के क्षेत्र को बढ़ाने किसानों को अनुदान पर कोदो.कुटकी का बीज उपलब्ध कराया है।
https://youtu.be/IZ4I67dZFEE
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कृषि उपसंचालक सी आर गौर ने बताया कि इस बार कोदो कुटकी की खेती के क्षेत्र को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है और बैहर परसवाड़ा बिरसा के किसानों को यह बीज भी उपलब्ध कराया गया है ।
उन्होंने बताया कि इस बार बालाघाट जिले में खरीफ फसल का दो लाख हेक्टेयर रकबा नियत है और किसानों को बीज की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराई गई है । शासन की योजना के अनुसार एसटी एससी के किसानों को अन्नपूर्णा योजना में 75% अनुदान के तहत धान बीज उपलब्ध कराया गया है ।।
खाद के पर्याप्त भंडारण है और शीघ्र ही आवश्यकता के अनुसार डीएपी व यूरिया की रेक उपलब्ध होने वाली है